फूलों से भी सुंदर चेहरे ऐसे कहीं नहीं होने चेहरे !
खुशियों में अच्छे लगते ना गुस्से साथ फुलाने चेहरे !
जिन्होंने के साथ इश्क कमाया 1 दिन पढ़ते खोने चेहरे !
जिनसे दुख सहार ना होता कमलों जैसे वह रोने चेहरे !
देखना राखस बनकर माताओं कई सदा की नींद सुलाने चेहरे
भगवान तो रहता इंसान के अंदर फिर मंदिर में क्यों झुकाने चेहरे !!!

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