कभी तो हसीन मौसम का बहाना ढूढते हैं
तो कभी ग़मगीन दिल का बहाना ढूढते हैं
कुछ नहीं तो दस्तूर का नारा लगा कर
पीने वाले तो बस पीने का बहाना ढूढते हैं
कभी तो हसीन मौसम का बहाना ढूढते हैं
तो कभी ग़मगीन दिल का बहाना ढूढते हैं
कुछ नहीं तो दस्तूर का नारा लगा कर
पीने वाले तो बस पीने का बहाना ढूढते हैं