मेरी ज़िंदगी की गाड़ी, तनिक भी न हिल पायी है
मेरे अरमानों की बगिया, अभी तक न खिल पायी है
सोचा था एक ताजमहल और बनबाऊँगा,
पर अभी तक मुझे कोई मुमताज नहीं मिल पायी है

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