कहने को ज़िंदा हूँ, पर अपनों से दूर हूँ मैं
अपने हालात से, न जाने क्यों मजबूर हूँ मैं
अपनों के दिये #दर्द सहता रहा ज़िंदगी भर,
किसी ने नहीं सोचा, क्यों इतना बेनूर हूं मैं...
You May Also Like






कहने को ज़िंदा हूँ, पर अपनों से दूर हूँ मैं
अपने हालात से, न जाने क्यों मजबूर हूँ मैं
अपनों के दिये #दर्द सहता रहा ज़िंदगी भर,
किसी ने नहीं सोचा, क्यों इतना बेनूर हूं मैं...