बदलवा दे मेरे नोट ए ग़ालिब,
या वो जगह बता दे, जहाँ कतार न हो।
उमर-ए-दराज़ माँग कर लाये थे चार दिन,
दो कमाने में लग गए और दो बदलवाने में !!!

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