निगाहों को न जाने किसकी तलाश है,
रात दिन उसको ही पाने की प्यास है !
न कोई नाता न कोई रिश्ता है उससे ,
फिर भी अपनेपन का इक अहसास है !
चाहने वाले हमारे भी कम नहीं यारो,
पर दिल को उसकी चाहत ही खास है !
सूना पड़ा है अब दिल का आइना दोस्त,
ज़िगर का हर कोना उदास ही उदास है !