ग़र्दिश के गहरे सागर में से, बस खुशी का रतन तलाश करो
पतझड़ के भीषण मौसम में भी, फूलों की बहार तलाश करो
ग़म के साये दूर करो नफरत से क्या मिलना यारो,
नफरत के बहते दरिया में भी, एक प्यार की धार तलाश करो

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