न चाहो इतना भी, मोहब्बतों से डरते हैं हम
ठीक हैं ज़माने से दूर,अदावतों से डरते हैं हम
कोई शिकवा नहीं तुमसे न तुम्हारी वफ़ा से,
मगर यूं ही ख़ुदा की, फ़ितरतों से डरते हैं हम
#प्यार तो जज़्बा है पनपता है जो हर दिल में,
पर बेरहम दुनिया की, नफरतों से डरते हैं हम
दिल की चाहतों पर न चलता है ज़ोर अपना,
बस दिल ए नादान की, हरकतों से डरते हैं हम
हमको #चाहत की हवा भी डरा देती है,
क्या करें यारो, उड़ने की हसरतों से डरते हैं हम