मोहब्बत के निशां, हम पीछे छोड़ आये हैं,
ख्वाबों की ज़िंदगी, हम पीछे छोड़ आये हैं !
हम भी चले थे #मोहब्बत की राहों पर कभी ,
पर बे-अंजाम सफ़र, हम पीछे छोड़ आये हैं !
#दिल के मचलने से कभी ज़िंदगी नहीं चलती,
चाहतों का हर सबब, हम पीछे छोड़ आये हैं !
ज़रुरत नहीं हमें किसी के मशविरे की दोस्त,
नसीहतों का दौर तो, हम पीछे छोड़ आये हैं !
जो न था #नसीब में उसे क्या याद करें दोस्त ,
यादों से भरी पोटली, हम पीछे छोड़ आये हैं !