अजीब कश्मकश में गुजरी है #जिन्दगी अपनी भी यारो,
#दिलों पर #राज किया फिर भी #मोहब्बत को तरसे है...
इक #अरसा हुआ है मिले उनसे यारों,
अब उनसे बात करने को हम #तरसे है...

ना #शिकवा रहा ना #शिकायत रही उनसे अब दोस्तों...
अब तो उनके #दीदार को यूँ हम तरसे है...
#काश.! कि आ जाए वो भी #लौटकर वापस मेरे पास,,,
हम भी उन पे अब #प्यार जताने को तरसे है...

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