किसी भी मोड़ पर तुमसे वफ़ादारी नहीं होगी
हमें मालूम है तुमको ये बीमारी नहीं होगी...
तआल्लुक़ की सभी शमाएँ बुझा दीं इसलिए मैंने
तुम्हें मुझसे बिछड़ जाने में दुश्वारी नहीं होगी

मेरे भाई वहाँ पानी से रोज़ा खोलते होंगे
हटा लो सामने से मुझसे इफ़्तारी नहीं होगी
ज़माने से बचा लाए तो उसको मौत ने छीना
मोहब्बत इस तरह पहले कभी हारी नहीं होगी

 

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