मेरी जैसी तक़दीर कहीं, ढूढे भी नहीं मिलती है
मुझे प्यार के बदले में, हमेशा रुलाई मिलती है
गर कहीं मुझे मिल जाये खुदा तो पूंछूगा,
उसको मुझे सताने में, कितनी खुशी मिलती है...
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मेरी जैसी तक़दीर कहीं, ढूढे भी नहीं मिलती है
मुझे प्यार के बदले में, हमेशा रुलाई मिलती है
गर कहीं मुझे मिल जाये खुदा तो पूंछूगा,
उसको मुझे सताने में, कितनी खुशी मिलती है...