आज फिर कही मर जाने को जी चाहता है,
आज फिर किसी को #रुला जाने को जी #चाहता है...
#थक गया हूँ यारों दुनिया के #सितमों से,
आज फिर कही #डूब जाने को जी #चाहता है..
बना लिए कितने #रिश्ते दुनिया के भँवर में,
आज फिर उन #रिश्तों को #छोड़ जाने को जी चाहता है...
देख लिए बहुत अब #अपने परायों के मँजर,
उन #मँजर को #भूल कही सो जाने को जी #चाहता है...
नही कर सकता मैं #जिन्दगी का ओर #सफ़र,
अब तो #खुदा की रहमत में #चले जाने को #जी चाहता है... :(