लोग किसी के अरमानों को, बेरहमी से कुचल देते हैं
पहले सिर पर बिठाते हैं, फिर ज़मीं पर पटक देते हैं
यही तो चाल है दोरंगे लोगों की,
पहले तो मतलब निकालते हैं, फिर हाथ झटक देते हैं

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