लौट जाओ अपनी दुनिया में, जहाँ सब कुछ तुम्हारा है
जो दिख रहा है तुझको आगे, एक छलावा है शरारा है
जल जायेंगे तेरे अरमान भी मिट जायेगा तू भी यारा
इन गंदगी की राहों में, न कोई हमारा है न तुम्हारा है
गुनाहों के समंदर में गर घुस गये इक बार भी तुम,
भटक कर रह जाओगे उसमें, न कोई उसका किनारा है...

Leave a Comment