कभी सूरज किसी को रोशनी कम नहीं देता
कभी चाँद किसी को चाँदनी कम नहीं देता
हवाएँ बहती हैं बराबर सभी के लिए
कभी #बादल किसी को बारिश कम नहीं देता
सितारे चमकते हैं रात भर सब के लिए
आसमां कभी किसी को रहमत कम नहीं देता
पेड़ों की छाँव भी बराबर है सभी के लिए
वो किसी पखेरू के लिए जगह कम नहीं देता
अफसोस, ये आदमी है हो करता है भेद
वर्ना क़ुदरत का हाथ किसी को कम नहीं देता...

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