कैसे करें ऐतबार हम, भला गैरों की जात पर
जब होते हैं खुश अपने ही, अपनों की मात पर
सबसे पहले पूछते हैं खैरियत वो ही अक्सर,
जो छुप के घात करते हैं, बस ज़रा सी बात पर...
कैसे करें ऐतबार हम, भला गैरों की जात पर
जब होते हैं खुश अपने ही, अपनों की मात पर
सबसे पहले पूछते हैं खैरियत वो ही अक्सर,
जो छुप के घात करते हैं, बस ज़रा सी बात पर...