ये दुनिया वो दुनिया नहीं, जिसकी तलाश में तू है
इधर ईमान नहीं मिलता, जिसकी तलाश में तू है
बिकता है ज़मीर यहां अब कोडियों के दामों में,
तू ज़िन्दगी न जी पायेगा, जिसकी तलाश में तू है
मतलबी हैं लोग यहां नफ़रत का बाजार फैला है,
न मिल सकेगी वो मोहब्बत, जिसकी तलाश में तू है
घुसना पड़ेगा तनहा तुझे इस दुनिया की भीड़ में,
न मिल सकेगा सहारा तुझे, जिसकी तलाश में तू है
रंग जा तू भी अब इस दुनिया के रंग में
वो रंग तो सब अब मिट गए, जिसकी तलाश में तू है