पा जाते सब कुछ यूं ही अगर,
तो मेहनत की अहमियत क्या होती
ना देता ख़ुदा गर भूख हमें,
तो इस कुदरत की अहमियत क्या होती
ये भेड़चाल की दुनिया है
हम सबकी यही कहानी है,
मिल जाता ख़ुदा गर यूं ही हमें,
तो उसकी भी अहमियत क्या होती
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