न दिन को चैन, न रातों को क़रार मिला
मेरे #नसीब के हिस्से, बस इंतज़ार मिला
न पा सका उनको ये मेरी बद्नसीबियां,
मगर ख़यालों में उनसे, मैं सौ बार मिला
जिधर भी निकला ज़रा से सुकूँ के लिए,
मुझे तो हर जगह, मौसमे तक़रार मिला
अब तो न रहा खुद पे भी भरोसा,
मुझे तो हर जगह, झूठ का व्यापार मिला...
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