क्या बनाने आये थे और क्या बना बैठे
कहीं मंदिर बना बैठे कहीं मस्जिद बना बैठे
हमसे तो जात अच्छी है परिंदों की
कभी मंदिर पर जा बैठे
तो कभी मस्जिद पर जा बैठे...
क्या बनाने आये थे और क्या बना बैठे
कहीं मंदिर बना बैठे कहीं मस्जिद बना बैठे
हमसे तो जात अच्छी है परिंदों की
कभी मंदिर पर जा बैठे
तो कभी मस्जिद पर जा बैठे...