ज़िंदगी की उलझनों में, कुछ ज्यादा ही मशगूल हो गये
जिनको दिल के करीब समझा, वो भी प्रतिकूल हो गये
ये ज़िंदगी भी क्या क्या दिन दिखाती है,
फूलों सी जिंदगी दी जिनको, उनके लिये हम सूल हो गये...
ज़िंदगी की उलझनों में, कुछ ज्यादा ही मशगूल हो गये
जिनको दिल के करीब समझा, वो भी प्रतिकूल हो गये
ये ज़िंदगी भी क्या क्या दिन दिखाती है,
फूलों सी जिंदगी दी जिनको, उनके लिये हम सूल हो गये...