हमें आसमां के सितारे, अब नहीं चाहिए
हमें समंदर के किनारे, अब नहीं चाहिए
डूबती है कश्ती तो डूब जाये अच्छा ही है,
हमको पतवार के सहारे, अब नहीं चाहिए
बाहर की दुनिया न रही जीने लायक अब,
हमें चाहत के झूठे इशारे, अब नहीं चाहिए
क्या मिला हमें झूठी तसल्ली के नाम पर,
हम को झूठ के झूठे सहारे, अब नहीं चाहिए
बेरहम दुनिया में कैसे जी पाओगे ?
हम को जीने के बहाने, अब नहीं चाहिए