हे भगवान इतना झूठ हम कैसे पचा पायेंगे
हम उनकी मांग में सितारे कैसे सजा पायेंगे
झूठ के सहारे प्यार मिला भी तो क्या,
हम आसमां के तारे आंगन में कैसे बिछा पायेंगे

लोग तो राहों में पलकें बिछाने की बात करते हैं
प्यार में पर्वत से छलांग लगाने की बात करते हैं
इतना झूठ हमारे बस की बात नहीं,
लोग तो आसमां से चांद को लाने की बात करते हैं

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