इश्क़ से हमने तो यारो, बंदगी कर ली,
यूं ही तबाह बेकार में, ज़िन्दगी कर ली !
हमें तो उजाले दौड़ते हैं काटने को अब,
हमने तो चरागों की, गुल रोशनी कर ली !
अपनों की #मोहब्बत ने धोखा दिया यारो,
इसलिए गैरों से हमने, आशिक़ी कर ली !
रखा है क्या हसीनों की महफ़िलों में दोस्त,
छोड़ कर सब को, तन्हा #ज़िन्दगी कर ली !!!

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