कुछ तो मेरी मोहब्बत का, सिला दीजिये
नफ़रत है तो फिर, खाक में मिला दीजिये
बस चाहत है कि कर लो इज़हारे मोहब्बत,
फिर चाहे तो हज़ार कमियां, गिना दीजिये
नहीं होती बर्दास्त तुम्हारी उदासियाँ हमसे,
गर खता है तो, क्यों न हमको सजा दीजिये
हर लम्हा रहते हो तुम हमारे दिल के क़रीब,
कभी ज़रुरत पेश आये तो, हमें इत्तला दीजिये
सुनते हैं सब कुछ मिलता है बाज़ार में ,
मंहगी ही सही पर हमें, #मोहब्बत दिला दीजिये <3

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