जिनके लिए ज़िन्दगी, तार तार करते रहे
वो हमारे दिल से सिर्फ, व्यापार करते रहे
गैरों ने भी न चाहा कि न रहें हम दुनिया में,
मगर वो हमारी मौत का, इंतज़ार करते रहे
पता न था कि #प्यार की भी कीमत होती है,
हम तो मुफ्त में ही #दिल, बे क़रार करते रहे
आरज़ू न थी कि अपने दर्द बताएं किसी को,
चुपचाप ग़मों का दरिया हम, पार करते रहे
या ख़ुदा क्या मिला तुझे हमें ज़मीं पै लाकर,
हम तो #ज़िन्दगी भर जीने का, इंतज़ार करते रहे