ग़मों के तूफ़ान भी, टकरा कर चले जाएंगे
हम तो इक दरिया हैं, यूं ही बहते चले जाएंगे
खंज़र घोंपने से क्या मिलेगा तुम्हें यारा,
बस इशारा कर दो, हम दुनिया से चले जाएंगे...
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ग़मों के तूफ़ान भी, टकरा कर चले जाएंगे
हम तो इक दरिया हैं, यूं ही बहते चले जाएंगे
खंज़र घोंपने से क्या मिलेगा तुम्हें यारा,
बस इशारा कर दो, हम दुनिया से चले जाएंगे...