सज्जन दौड़ रहा है इज़्ज़त बनाने के लिये
तो दुर्जन दौड़ रहा है कुचक्र चलाने के लिये
कुछ लोग दौड़ रहे हैं रोटी कमाने के लिये
कुछ लोग दौड़ रहे हैं रोटी पचाने के लिये
चोर दौड़ रहा है कहीं माल छिपाने के लिये
तो सिपाही दौड़ रहा है फ़र्ज़ दिखाने के लिये
कोई दौड़ रहा है अपनी सेहत बनाने के लिये
तो कोई दौड़ रहा है मोटापा घटाने के लिये
हर कोई दौड़ रहा है अपने हिस्से की दौड़,
या कुछ पाने के लिये या कुछ गंवाने के लिये