हर किसी ने चेहरे पे अब, मुखौटे लगा रखे हैं !
किसी ने मुस्कान, किसी ने ग़म सजा रखे हैं !
अंदर की असलियत भला कैसे जान पाएं हम,
अब लोगों ने अपने दिलों पर, पर्दे लगा रखे हैं !
घूमते हैं भेड़िये अब आदमी की शक्ल में यारो,
उसने #दिल में फितरतों के, तूफ़ान सज़ा रखे हैं !
न रहीं आसान अब ज़िन्दगी की वो राहें,
रोकने के लिए राहों में, अब कांटे बिछा रखे हैं !

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