हमने तो हर वक़्त, तेरी हर बात मानी थी
तुमने दिन को रात कहा, तो रात मानी थी !
मैं क्या हूँ तेरी नज़र में ये तो ख़ुदा जाने,
मैंने तो तुम्हें, #ख़ुदा की दी सौगात मानी थी !
शरीर मेरा है पर रूह बसती है तेरी इसमें,
तेरी हर सांस मैंने, अपनी ही सांस मानी थी !
तू न समझे इसे तो फूटी किस्मत है मेरी,
वर्ना ख़ुदा से भी ज्यादा, तेरी बात मानी थी !
कभी सोचना #दिल पे हाथ रख कर,
कि ये सच था या फिर, ज़रा भी बेईमानी थी !