गलती क्या थी मेरी ...
मुझ को यह बता तू बेवफा ...
किस बात की तू मुझे दे रही है सजा ...
प्यार किया तुझ से खुद से भी जादा ..
माना तुझ को ही खूदा ...
क्या ये ही थी मेरी खता ...
सोचता रहा तेरे ही बारे मे ...
क्या ? तुने सोचा कभी मेरे बारे मे ..
जैसे खुशबू ना हो सकता है कभी फूल से जुदा ...
तुझ से भी ना कभी दूर जाऊ ..
मांगता रब्ब से था मै दुआ ...