मेरे सूने उपवन को फिर से बहारें दे दी तूने
मायूस दिलों को खुशियों की फुहारें दे दी तूने
कैसे शुक्रिया अदा करूं मैं तेरा अय मेरे खुदा
मुझको फिर से वो वचपन की यादें दे दी तूने
तेरी इनायत से कितना खुश हूँ मैं क्या कहूँ
मेरे सूखे जीवन में फिर मेघ मल्हारें दे दी तूने
मेरे एक नन्हें से फरिश्ते को मेरी गोदी में दे कर
मनके आँगन में खुशियों की बरसातें दे दी तूने...

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