चरागों को आँखों में महफूज रखना,
बड़ी दूर तक रात ही रात होगी...
#मुसाफिर हो तुम भी, मुसाफिर हैं हम भी;
किसी मोड़ पर, फिर मुलाकात होगी...
चरागों को आँखों में महफूज रखना,
बड़ी दूर तक रात ही रात होगी...
#मुसाफिर हो तुम भी, मुसाफिर हैं हम भी;
किसी मोड़ पर, फिर मुलाकात होगी...