फिर किसी का चिराग बुझा है
फिर कोई लाल अनाथ हुआ है
फिर टूट गयी है चूड़ी किसी की
फिर किसी का सिंदूर पूछा है
फिर टूटी है कोई लाठी घर की
फिर बेबस एक बाप खड़ा है
फिर रोई है आज बूढ़ी आँखे
फिर उस छाती से दूध छलका है
फिर राखी याद ना आई उसको
फिर एक भाई ना वापस लौटा है
फिर किसी का चिराग बुझा है
फिर कोई लाल अनाथ हुआ है...🙏