ज़माने की साजिशें, मिटा सको तो कहो,
गर दिल के फासले, मिटा सको तो कहो !
इधर तोड़ते हैं हर कदम पर हौसला लोग,
फरेबी इन चालों को, मिटा सको तो कहो !
आसान इतनी भी नहीं जीने की राहें दोस्त,
उन पर सजे ख़ारों को, हटा सको तो कहो !
हर कदम पे मिलते हैं ज़िन्दगी के बाज़ीगर,
कुछ तुम भी करतब, दिखा सको तो कहो !
न मिलेगा रहबर कोई इस ज़माने में ,
खुद ही खुद का रास्ता, बना सको तो कहो !

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