रूठे गर जमाना भी, तो मना लेंगे हम,
भड़कते हैं शोले भी, तो बुझा देंगे हम !
अपनों का साथ हो तो ग़म कैसा यारो,
फिर ज़ख्मों की टीस भी, भुला देंगे हम !
#ज़िन्दगी को जीने का हुनर आता है हमें,
कच्चे धागों को भी, रेशम बना देंगे हम !
एक सपना जो देखते हैं हर रोज़ ,
कभी दुश्मन को भी, दोस्त बना लेंगे हम !

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