शायद अब #दुश्मन भी मुरीद हैं हमारे,
जो वक़्त-बेवक़्त हमारी ही चर्चा किया करते हैं,
छुपा के #खंजर बगल में हमारी गली से गुज़रते हैं,
और मिलने पर सलाम-नमस्ते किया करते हैं।

Leave a Comment