प्यार की इस दुनिया में, नफ़रत का बसेरा क्यों है
खुशियों की हर महफिल में, ग़म का अंधेरा क्यों है
क्या हुआ है इस दुनिया को ए मेरे ख़ुदा,
तेरी बनाई इस धरती पर, ज़ुल्मों का बसेरा क्यों है....

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