लोग दिल में घुस कर, चले आते हैं क्यों,
फिर #तमन्ना जगा कर, चले जाते हैं क्यों...
जब साथ जीने की जगती है थोड़ी आशा,
वो तभी #दिल तोड़ कर, चले जाते हैं क्यों...
करते हैं भरोसा जान से ज्यादा जिन पर
वो छोड़ कर ज़रुरत पर, चले जाते हैं क्यों...
मुखौटे चढ़ा कर दिखते हैं वो शरीफ़ज़ादे,
पर वो #नसीब जला कर, चले जाते हैं क्यों...
जिन्हें उम्र भर समझते रहे अपना,
वक़्त बेवक़्त वो रुला कर, चले जाते हैं क्यों !!!

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