लोगों के अंदर कुछ और, बाहर कुछ और होता है
दिखता है कुछ और, पर असल कुछ और होता है
आप इनके #मासूम चेहरों पर न जाइये साहिबान,
इनके चेहरे पे कुछ और, #दिल में कुछ और होता है
ग़मगीन होकर सुनेंगे तुम्हारे #दर्द की दास्तान ये,
मगर सामने कुछ और, पर पीछे कुछ और होता है
सच तो ये है कि सब निभाते हैं यही किरदार, मगर
अपने लिए कुछ और, गैरों के लिए कुछ और होता है