जहाँ कभी तस्वीर बसा करती थी उनकी,
आज वो दिल खाली और सुनसान पड़ा है
ग़म के सायों ने घर कर लिया है अपना,
अब तो हर कोने में दर्द का सामान पड़ा है
कभी ये धड़कता था उनका नाम लेने भर से ,
पर आज उनकी कशिश से अनजान पड़ा है
जो दिल कभी रोशन था तस्वीर से उनकी
आज वो अंधेरे में गुमसुम सा बेजान पड़ा है... :(

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