दिल खोल कर रख दिया, उन्हें #दिलदार समझ कर
अपनी ज़िन्दगी दे दी हमने, अपना #यार समझ कर
अफ़सोस न समझ सके वो मेरी चाहतों को कभी,
हर ज़ुल्म सहता रहा बस, उनका #प्यार समझ कर
#हसीन सपने संजोता रहा मैं यूं ही #दीवाना बन कर,
मगर वो सताते रहे यूं ही, मुझको बेकार समझ कर
मैं फिर भी खुश हूँ मुझे गिला कुछ भी नहीं,
क्यों बहाऊँ मैं आंसू, उनको अपना प्यार समझ कर !!!
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