मैं किसी के दर पर, सर झुकाने नहीं जाता !
मैं महफिलों में, अपना दर्द सुनाने नहीं जाता !
लेते हैं मज़े लोग औरों के बदहाल पर दोस्तो,
मैं किसी को, अपने ज़ख्म दिखाने नहीं जाता !

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