बड़ी ही शिद्दत से रिश्ता, उनसे निभाया हमने,
उनके हर दर्द को, अपने #दिल से लगाया हमने !
उनकी ख़ुशी से खुश होता रहा दिल मेरा भी,
सदा ग़म की घडी में, अपना दिल जलाया हमने !
कट गयी सारी #ज़िन्दगी उनकी ही जी हुज़ूरी में,
मगर खुद के लिए, हवाओं में महल बनाया हमने !
अफ़सोस कि वो तो निकले गैरों से भी बदतर,
जिसे कि ज़िन्दगी भर, अपना ख़ास बताया हमने !
एक लम्हा भी न आया कि हम भी हंस लेते कभी,
इस जीवन को बस फ़िज़ूल, दोज़ख बनाया हमने !

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