दुनियाँ की इस भीड़ में, अपनों को भुला दिया तुमने
जो तुम्हारी राह तकता था, उसे भी रुला दिया तुमने
पत्थरों को जमा करने में इतना खो गये तुम,
कि जो हीरे तुम्हारे थे, उनको को भी गवा दिया तुमने
दुनियाँ की इस भीड़ में, अपनों को भुला दिया तुमने
जो तुम्हारी राह तकता था, उसे भी रुला दिया तुमने
पत्थरों को जमा करने में इतना खो गये तुम,
कि जो हीरे तुम्हारे थे, उनको को भी गवा दिया तुमने