ना जानें क्यों मेरा, हर भरोसा टूट जाता है
जिसको भी चाहूँ दिल से, वही रूठ जाता है
क्या #नसीब है मेरा समझ नहीं आता मुझे,
जिसका भी साथ पकडूं, अक्सर छूट जाता है

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