आँखों को बस उनका ही इंतज़ार रहता है
हर पल ये दिल उनका तलबगार रहता है
भला जीने की फुरसत ही कहाँ है हमें
दिल में सिर्फ तमन्ना ए दीदार रहता है

Leave a Comment