पहुँचना सभी को है उसी जगह एक दिन,
कोई जल्दी तो कोई देर में पहुँच पाते हैं
सोचता हूँ क्या मिलता है देर करने से,
बस मोह के पाश में जकड़े चले जाते हैं
जिन अपनों के लिये इतनी देर करते हैं,
वो ही बड़ी जल्दी जला कर चले जाते हैं
पहुँचना सभी को है उसी जगह एक दिन,
कोई जल्दी तो कोई देर में पहुँच पाते हैं
सोचता हूँ क्या मिलता है देर करने से,
बस मोह के पाश में जकड़े चले जाते हैं
जिन अपनों के लिये इतनी देर करते हैं,
वो ही बड़ी जल्दी जला कर चले जाते हैं