कुछ बेचना चाहो तो, दाम घट जाते हैं अक्सर,
खरीदना है कुछ भी, दाम बढ़ जाते हैं अकसर !
न झांकता कोई भी हमारी ज़रुरत पे कभी भी,
मगर अपने मतलब से, दिल दुखाते हैं अकसर !
कर डाली क़ुर्बान जिन पर सारी दौलतें हमने,
हमसे वो बच्चे भी अब, दूरीयां बनाते हैं अक्सर !
वक़्त के साथ बदल जाती हैं दुनिया की रस्में,
जो दिखते थे कभी अपने, बदल जाते हैं अक्सर !
इसी को कहते हैं असलियत में #ज़िन्दगी ,
जहां बहार हो या पतझड़, आते जाते हैं अक्सर !!!